- महाविद्यालय निर्धारित नियमो के अनुसार सभी आवेदन पत्रों की पूरी जांच एवं आवेदकों का साक्षात्कार करने के पश्चात् प्रवेश देने अथवा न देने को पूरी तरह अधिकृत होगा।
- किसी भी प्रवेशार्थी द्वारा महाविद्यालय की किसी भी कक्षा में प्रवेश अथवा पुनः प्रवेश महाविद्यालय के प्राचार्य के विवेक पर निर्भर है। प्रवेश देने अथवा न देने का पूर्ण अधिकार प्राचार्य का है।उन्हें बिना कारण बताये पंजीकृत/प्रवेश अस्वीकृत/निरस्त करने का पूर्ण अधिकार है।
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निम्नलिखित परिस्तिथियों में प्रवेशार्थी को महाविद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा-
- प्रवेशार्थी द्वारा अंतिम उत्तीर्ण कक्षा के पश्चात् उसके अध्ययन क्रम में तीन वर्ष से अधिक का अंतराल (गैप) होना अर्थात इंटरमीडिएट करने के तीन वर्ष के अंदर ही प्रवेश दिया जा सकता है।
- आवेदित कक्षा में एक बार अध्ययन करने पर परीक्षा न देने अथवा अनुत्तीर्ण होने की दशा में पुनः प्रवेश नहीं दिया जाएगा। ऐसा विद्यार्थी भूतपूर्व छात्र के रूप में परीक्षा फॉर्म महाविद्यालय से भर सकता है तथा परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर अगली कक्षा में संस्थागत विद्यार्थी के रूप में प्रवेश दिया जा सकता है।
- यदि जाली प्रमाण पत्र/ अंक पत्र प्रस्तुत क्र तथ्यों को छिपाकर अथवा असत्य या भ्रामक सूचना देकर कोई विद्यार्थी प्रवेश पा लेता है तो शिक्षा सत्र में किसी भी समय तथ्य की जानकारी होते ही उसका प्रवेश स्वतः निरस्त माना जाएगा और वह विद्यार्थी महाविद्यालय छोड़ने के लिए बाध्य होगा तथा इसका पूर्ण उत्तरदायित्व उस विद्यार्थी का ही होगा।
- अंतरिम/प्रोविजनल/केजुअल प्रवेश देने का प्रावधान नही है।
- बी.ए./बी.एस.सी./बी.कॉम. प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु यह आवश्यक है कि प्रवेशार्थी ने उ.प्र. माध्यमिक शिक्षा परिषद् की इंटरमीडिएट परीक्षा अथवा उसके समकक्ष अन्य परीक्षा (जो एम्.जे.पी. ररुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेइल्ली से अनुमान्य हो) उत्तीर्ण की हो।
- दो मान्यता प्राप्त संस्थाओं में एक साथ प्रवेश लेने वाले प्रवेशार्थी का प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा।
- महाविद्यालय में आवेदन पंजीकरण मात्र से आवेदक को प्रवेश का अधिकार नहीं होगा।
- सभी प्रवेशार्थियो को सूचित किया है कि प्रवेश संबधी सभी सूचनाएं/निर्देश सुचना पट पर अंकित किये जाएँगे । यदि अभ्यर्थी नोटिस बोर्ड न देखने के कारण महत्वपूर्ण जानकारी के अभाव में हानि उठाता है तो उसका पूर्ण उत्तरदायित्व उसका स्वयं का होगा।
- महाविद्यालय के विद्यार्थी का किसी भी दशा में स्थानान्तरण दुसरे महाविद्यालय में अनुमान्य नहीं होगा।
- सरकारी कर्मचारी या सार्वजानिक संस्था में कार्यरत कर्मचारियों के स्थानान्तरण के फलस्वरूप प्रवेश सुविधा माननीय कुलपति जी के आदेश से की जा सकती है।
- परीक्षा फॉर्म महाविद्यालय से भर सकता है तथा परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर अगली कक्षा में संस्थागत विद्यार्थी के रूप में प्रवेश दिया जा सकता है।
- आवेदित कक्षा में एक बार अध्ययन करने पर परीक्षा न देने अथवा अनुत्तीर्ण होने की दशा में पुनः प्रवेश नहीं दिया जाएगा। ऐसा विद्यार्थी भूतपूर्व छात्र के रूप में यदि जाली प्रमाण पत्र/ अंक पत्र प्रस्तुत क्र तथ्यों को छिपाकर अथवा असत्य या भ्रामक सूचना देकर कोई विद्यार्थी प्रवेश पा लेता है तो शिक्षा सत्र में किसी भी समय तथ्य की जानकारी होते ही उसका प्रवेश स्वतः निरस्त माना जाएगा और वह विद्यार्थी महाविद्यालय छोड़ने के लिए बाध्य होगा तथा इसका पूर्ण उत्तरदायित्व उस विद्यार्थी का ही होगा।

सन्देश
आपके मिशन में कामयाब होने के लिए
आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित होना पड़ेगा ।
इस देश के सबसे अच्छे दिमाग ............
क्लास की लास्ट बेंच पर मिल सकते है !