प्रबंधक सन्देश



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केवल आलीशान एवं खूबसूरत ईमारत बनाने से ही एक महाविद्यालय का निर्माण नहीं होता, निर्माण होता है एक आदर्श शिक्षा प्रणाली को अपनाने से। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए हमने अपने महाविद्यालय में पूर्णतः निपुण शिक्षक/शिक्षिकाओं को अध्यापन कार्य के लिए नियुक्त किया है ताकि छात्र/छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके, जिससे वे अपनी प्रगति के साथ-साथ समाज में उच्च आदर्शों की स्थापना कर विकसित समाज के निर्माता बने। दुसरे शब्दों में कहें तो शिक्षार्थ आएं एवं सेवार्थ जाएं को चरितार्थ करें ।

विकसित समाज ही, विकसित राष्ट्र निर्माण में सहायक हो सकता है । हमारे महाविद्यालय में विगत वर्षों में स्नातक सर पर कला संकाय, विज्ञान संकाय एवं वाणिज्य संकाय के प्रत्येक सत्रों के छात्र/छात्राओं ने शत प्रतिशत सफलता प्राप्त की है। हम अतिशीघ्र महाविद्यालय में रोजगारपरक नए कोर्सों को लाने के लिए प्रयासरत हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु हम अधिक से अधिक विकल्प उपलब्ध करा सकें।

इस सत्र में प्रवेश लेने वाले समस्त छात्र/छात्राओं को सफल होने के लिए मैं शुभकामनाएं देता हूँ।



शुभकामनाओं सहित

प्रबंधक

मौ. हारुन